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सरकारी स्कूलों को बंद करने, महिलाओं व छात्राओं पर बढ़ते अपराधों, व राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन सफल हुआ

देवास। छात्र संगठन एआयडीएसओ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह पंवार ने जानकारी देते हुए बताया कि ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (एआईडीएसओ) के आह्वान पर दसवें अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन का 27, 28, 29 नवंबर, 2024 को शहीद उधम सिंह नगर, तालकटोरा इनडोर स्टेडियम नई दिल्ली में संपन्न हुआ। यह तीन दिवसीय सम्मेलन सरकारी स्कूलों को बंद करने, महिलाओं बच्चियों पर बढ़ते अपराधों व सार्वजनिक शिक्षा को खत्म करने वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में आयोजित किया गया। इस अधिवेशन का पूरे प्रदेश भर में ।प्क्ैव् के कार्यकर्ता आम छात्रों के साथ विगत 1 महीने से लगातार प्रचार कर रहे थे। मध्यप्रदेश के 94 हजार स्कूलों को बचाने की मुहिम भी इसमे शामिल थी। पूरे प्रदेश में 1 लाख पर्चे, 20 हजार पोस्टर, स्टिकर, दीवार लेखन किया गया। प्रदेश भर में  सैकड़ों स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कोचिंग सेंटर सहित विभिन्न जिलों में सेमिनार, सम्मलेन आयोजित किये गए। छात्रों ,शिक्षकों, अभिभावकों ने एक सुर में सरकारी स्कूल बचाने, शराब, नशा व अश्लीलता पर रोक लगाने की मांग का समर्थन किया। प्रदेश की आम जनता ने इस सम्मेलन के लिए हर संभव सहयोग किया हम उनका धन्यवाद देते है व आगे भी इस तरह के आंदोलन में सहयोग मिलेगा ऐसी अपेक्षा करते हैं। उन्होंने सम्मेलन के बारे में भी बताया कि मध्यप्रदेश के 1000 से भी ज्यादा छात्रों ने इस सम्मेलन में शिरकत की। खुले अधिवेशन के मंच को शहीद बिरसा मुंडा को समर्पित किया गया और इसे शहीद बिरसा मुंडा मंच नाम दिया गया और इसके बाद विभिन्न प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया गया। उद्धरण प्रदर्शनी का उद्घाटन जाने-माने अर्थशास्त्री प्रोफेसर अरुण कुमार, प्रोफेसर नंदिता नारायण, स्वागत समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर दिवेन्दू मैती  द्वारा किया गया। खुले अधिवेशन में मध्यप्रदेश के गुना जिले में एआयडीएसओ के 8 कार्यकर्ताओं पर एबीव्हीपी के द्वारा हमला व प्रशासन के द्वारा एकतरफा झूठी एफआयआर कर जेल भेजने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर निःशर्त सभी को रिहा करने की मांग की गई। मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर चमन लाल जीने बात रखी। जाने-माने इतिहासकार प्रोफेसर इरफान हबीब का एक वीडियो मैसेज प्रदर्शित किया गया और इसके साथ ही प्राचीन इतिहास पर प्रोफेसर रोमिला थापर के लिखित संदेश का वाचन किया गया। सत्र की अध्यक्षता संगठन के महासचिव सौरभ घोष द्वारा की गई।  खुले अधिवेशन के बाद विभिन्न वाम और जनवादी सोच रखने वाले छात्र संगठनों के साथ विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इसके उपरांत, सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए हुए प्रतिनिधियों ने सामाजिक सरोकार और आंदोलन के परिपूरक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। सांस्कृतिक सत्र का उद्घाटन वैज्ञानिक व प्रसिद्ध कवि डॉक्टर गौहर रजा द्वारा किया गया। प्रतिनिधि अधिवेशन को विभिन्न देशों के बिरादराना छात्र संगठनों के नेताओं ने भी संबोधित किया। शैक्षणिक सत्र जिसमें नई शिक्षा नीति 2020 का शिक्षा पर प्रभाव विषय पर प्रो राम पुनियानी, प्रो एल जवाहर नेसन, डॉ तरुण मंडल, मेघालय से प्रो वांडेल पाशाह, हिमाचल प्रदेश से प्रो नवनीत शर्मा इत्यादि ने संबोधित किया। सम्मलेन में मुख्य प्रस्ताव, सांगठनिक रिपोर्ट, मणिपुर में बढ़ती हिंसा को रोकने, फिलिस्तीन में इजरायल द्वारा किए जा रहे नरसंहार, महिलाओं पर बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने सहित विभिन्न मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किए गए। सम्मलेन के अंत मे आंदोलन को तेज करने 202 सदस्यों की सेंट्रल कॉउन्सिल बनाई गई। जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष कॉमरेड सौरभ घोष, महासचिव कॉमरेड शिवाशीष प्रहराज चुने गए। मध्यप्रदेश से सहसचिव अजीत सिंह पंवार व श्रुति शिवहरे, सेंट्रल वर्किंग कमेटी में नारायण चंदेल, सेंट्रल कॉउन्सिल में देवेंद्र बिजौरे, मिताली शुक्ला, सोनम शर्मा, आस्था सोनी, शोभना श्रीवास्तव, सुनील सेन, राधेश्याम चंदेल, अनुराग सागर, तेजस्विनी सिंह चुने गए।  सम्मेलन का समापन भाषण में वीडियो संदेश के द्वारा एआयडीएसओे के संस्थापक महासचिव कॉमरेड प्रभास घोष ने सभी प्रतिनिधियों से सार्वजनिक शिक्षा ,संस्कृति व मानवता को बचाने के लिए उच्च नीति नैतिकता और आजादी आंदोलन सहित महान मनीषियों के विचारों को अपनाते हुए प्रतिरोधी छात्र आंदोलन गठित करने की अपील की। अखिल भारतीय छात्र सम्मेलन का समापन एनईपी 2020 को रद्द करने, जनवादी, वैज्ञानिक और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा की मांगों को उठाते हुए जोरदार नारों के साथ किया गया।         

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