देवास

पायलट प्रोजेक्ट के तहत देवास पुलिस एवं चिकित्सा विभाग की संयुक्त कार्यशाला


    मेडलिपिआर(मेडिकल लीगल एग्मानीशेन एण्ड पोस्ट मार्टम रिपोर्ट सिस्टम) एवं सीसीटीएनएस के इंटिग्रेशन पर 01 दिवसीय कार्यशाला आयोजित

अपराधिक न्याय व्यवस्था को और अधिक त्वरित,सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने हेतु जिला देवास को पायलट प्रोजेक्ट हेतू किया गया है चयनित

मेडलिपिआर एवं सीसीटीएनएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल रूप से हो सकेगा पीएम एवं एमएलसी रिपोर्ट का आदान प्रदान

मध्यप्रदेश में अपराधिक न्याय व्यवस्था को और अधिक त्वरित,पारदर्शी एवं सुदृढ़ बनाने हेतु इस व्यवस्था के सभी स्तंभ- पुलिस, चिकित्सा, फॉरेंसिक, न्यायालय, अभियोजन एवं जेल के मध्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सूचनाओं तथा दस्तावेजों के पेपरलेस आदान-प्रदान हेतु एक ऐतिहासिक पहल की गई है। इस परिवर्तनकारी कदम के तहत पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश  कैलाश मकवाना द्वारा देवास जिले को पायलेट डिस्ट्रीक्ट के रूप में चयनित किया गया है,जहाँ अपराधिक न्याय व्यवस्था से जुड़े समस्त स्तंभ-पुलिस,अभियोजन,न्यायपालिका,फोरेंसिक,चिकित्सा एवं जेल विभाग-एकीकृत डिजिटल प्रणाली से आपस में जुड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई 2024 से प्रवर्तनीय नवीन क़ानून का मुख्य जोर अपराध पंजीकरण से लेकर न्यायालयीन निर्णय तक की प्रक्रिया को समयबद्धता प्रदान करना है,इसी परिप्रेक्ष्य में एफआईआर से लेकर अंतिम निर्णय तक के मार्ग में आने वाली समस्त प्रक्रियाओं को एवं समस्त संबद्ध विभागों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से जोड़े जाने हेतु यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसका मूल उद्देश्य आम जनता को त्वरित न्याय प्रदायगी होगा ।
इस डिजिटल पहल के अंतर्गत,विवेचना,वारंट,समंस,एमएलसी,पोस्टमार्टम रिपोर्ट,एफएसएल जांच, न्यायालयीय कार्यवाही एवं अभियोजन की जानकारियों का आदान-प्रदान एक ही प्लेटफॉर्म पर संभव होगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत देवास प्रदेश का पहला ऐसा जिला होगा,जहाँ अधिकतम विवेचकों को टेबलेट प्रदान किए जाएंगे,जिससे उनकी कार्यप्रणाली अधिक सुदृढ़,पारदर्शी एवं दक्ष बनेगी।

उल्लेखनीय है कि अंतर विभागीय डिजिटल एकीकरण की उक्त व्यवस्था के कुछ अहम पहलू जैसे ई- समन एवं वारंट , बेल एप्लीकेशन मोड्यूल, मेड-ले-पार आदि को जिला देवास में पहले से ही सुचारू रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है ।
इस अभिनव व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्यशाला में चिकित्सा एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया । जिससे की सीसीटीएनएस पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से पोस्टमार्टम एवं एमएलसी के संबंध में रिक्वेस्ट की जा सकेगी एवं चिकित्सक द्वारा डिजिटल रूप से पोस्टमार्टम एवं एमएलसी रिपोर्ट पर ई साइन करके वापस सबमिट की जावेगी ।
कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक देवास  पुनीत गेहलोद,सीएमएचओ डॉक्टर सरोजनी,नगर पुलिस अधीक्षक देवास  दीशेष अग्रवाल,नोडल ऑफिसर मेडलिपिआर सॉफ्टवेयर  पवन पाटीदार उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम के शुभारंभ उपरांत सर्वप्रथम देवास पुलिस अधीक्षक  पुनीत गेहलोद ने स्वागत भाषण देते हुए सभी अतिथियों का अभिनंदन किया और इस परियोजना की महत्ता पर प्रकाश डाला।  उन्होंने बताया कि अब न्याय व्यवस्था के सभी स्तंभ एक साझा डिजिटल मंच पर आपस में जुड़ेंगे,जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता, गति और सुगमता आएगी। एसपी देवास ने उल्लेखित किया कि पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीकरण के उपरांत एमएलसी का आदान प्रदान,एफएसएल रिपोर्ट का आदान प्रदान और विवेचना उपरांत चार्जशीट का न्यायालय में प्रेषण पूर्ण रूप से डिजिटल माध्यम से पेपरलेस होगा ।साथ ही न्यायालय द्वारा जारी समस्त समन और वारंट भी ऑनलाइन तामील किए जाएँगे । इसी प्रकार पुलिस और अभियोजन के मध्य सूचनाओं / दस्तावेजों का आदान प्रदान भी पेपरलेस होगा । सीसीटीएनएस पोर्टल के माध्यम से डिजिटल रूप से पोस्टमार्टम एवं एमएलसी के संबंध में रिक्वेस्ट की जा सकेगी एवं चिकित्सक द्वारा डिजिटल रूप से पोस्टमार्टम एवं एमएलसी रिपोर्ट पर ई साइन करके वापस सबमिट की जावेगी ।

“New Criminal Law and Digital Integration: Reforming Justice for the Future” विषय पर केंद्रित कार्यशाला में पुलिस एवं चिकित्सा विभाग की प्रक्रियाओं के डिजिटल एकीकरण की विस्तृत जानकारी दी गई।

प्रेजेंटेशन पश्चात खुली चर्चा के दौर में पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों एवं चिकित्सकों द्वारा विभिन्न प्रश्न पूछे गए जिनके जवाब मंचासीन अधिकारियों द्वारा दिए गए ।

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