पतंजलि योगपीठ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न

देवास। पतंजलि योगपीठ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हरिद्वार में संपन्न हुई। पतंजलि योगपीठ भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिला देवास प्रभारी राकेश सेंगवा ने बताया राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में पतंजलि के 31वें स्थापना दिवस पर पंच-क्रांति की घोषणा की गई। आगामी पाँच वर्षों में 5 लाख विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से जोडऩे का लक्ष्य बनाया गया है। पहले भारतवर्ष में और फिर पूूरी दुनियां में नई शिक्षा व्यवस्था का शंखनाद करेंगे और उसका नेतृत्व भारत करेगा। बच्चों को केवल शब्दबोध नहीं कराना है, शब्दबोध के साथ विषय बोध, आत्मबोध, सत्यपरक भारतबोध व अपने गौरव का बोध भी कराना है। अभी तक पतंजलि 1 लाख करोड़ से ज्यादा की चैरिटी कर चुका है। स्वामी रामदेव जी महाराज व महामंत्री आचार्य बालकृष्ण की उपस्थित में पतंजलि संस्थान का 30वाँ स्थापना दिवस पतंजलि वैलनेस, हरिद्वार स्थित योग भवन सभागार में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में देशभर के पतंजलि योगपीठ संगठन के 6000 से अधिक प्रभारीगणों की उपस्थिति में स्वामी रामदेव जी महाराज ने विगत 30 वर्षों की सेवा, संघर्ष व साधना से परिचय कराया तथा पतंजलि योगपीठ की भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने योग क्रांति की सफलता के बाद पञ्च क्रांतियों का शंखनाद करते हुए कहा कि शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, वैचारिक-सांस्कृतिक व रोगों-भोगों-ग्लानि-कुण्ठाओं से आजादी का बड़ा कार्य पतंजलि प्रारंभ करना है। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि श्रद्धेय स्वामी जी के अखण्ड प्रचण्ड पुरुषार्थ से पतंजलि का योगदान आज पूरी दुनिया को प्रेरणा दे रहा है। पतंजलि में लोगों को स्वास्थ्य देने के लिए अर्थ से परमार्थ का अभियान चलाया है। पतंजलि का 100 प्रतिशत प्राफिट केवल चैरिटी के लिए है। पतंजलि के लिए भारत एक बाजार नहीं बल्कि परिवार है। पतंजलि में 500 से अधिक विश्वस्तरीय वैज्ञानिकों की टीम लगातार रिसर्च करके रोगानुसार विविध प्रकार के रस, क्वाथ, वटियाँ, कैप्सूल, व्हीट ग्रास, एलोवेरा जूस, आँवला जूस, नीम रस, गिलोय रस आदि रिसर्च एवं एविडेंस बेस्ड दवाइयाँ पूरी दुनिया को उपलब्ध करा रहे हैं। भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा को आधुनिक विज्ञान का प्रयोग करके जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया है।