देवास

विद्युत का प्रकाश उसे ही प्राप्त होता है जो प्रकाश की शरण में जाता है इसी तरह ईश्वरीय शक्ति का ज्ञान उसे ही प्राप्त होगा जो संतो की शरण में जाएगा – बृज रत्न वंदना श्री

देवास। फल प्राप्त करना है तो पेड़ तो लगाना होगा इसी भगवत कृपा प्राप्त करना है तो भक्ति तो करना होगा। कर्म के प्रति  समर्पण और परिश्रम पर विश्वास ही फल प्राप्ति की संभावना है। किंतु ईश्वर के प्रति प्रेम और निस्वार्थ भक्ति फल प्राप्ति की सुनिश्चिता है। विद्युत का प्रकाश उसे ही प्राप्त होता है जो  प्रकाश की शरण में जाता है इसी तरह ईश्वर की शक्ति का ज्ञान उसे ही होता जो संतो के आश्रय और भागवत कथा का श्रवण करता। यह आध्यात्मिक विचार कला मंदिर में हो रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे  दिवस पर ब्रज रत्न वंदना ने व्यक्त करते हुए भागवत कथा प्रसंग में ब्रह्मा जी श्रष्टि के निर्माण की कथा, मनु और क्षेत्रूपा का मनुष्य रूप में जन्म, भगवान नारायण का वराह अवतार की कथा, कपिल मुनि के अवतार में माता देहुती को पुत्र द्वारा  उपदेश देने की मार्मिक कथा। माता सती की कथा, और माता अनसुईया के सतीत्व की कथा में तीनों देव ब्रह्मा, विष्णु , महेश को शिशु स्वरूप प्रदान कर दत्तात्रेय अवतार की कथा वर्णन, भक्त ध्रुव की कथा  को लीला के साथ  सजीव चित्रण किया। वृंदावन के कलाकारों ने हर प्रसंग का चित्रण सुंदर वेशभूषा के बृज की पारम्परिक संस्कृति के साथ अपने अभिनय को इतना सुंदर किया कि श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। श्रोताओं से कथा पंडाल भरा गया कैला देवी के दर्शन करने बाहर से आए दर्शनार्थी भी कथा का श्रवण कर रहे है। व्यास पीठ की पूजा आयोजक  मन्नूलाल  गर्ग, अनामिका गर्ग, जयेश गर्ग ,प्राची गर्ग, हितेश गर्ग, प्रह्लाद अग्रवाल, महेश गर्ग, योगेश बंसल, सविता बंसल, सरिता अग्रवाल ,कविता अग्रवाल ने की। आरती में कांग्रेस पार्टी के युवक संघ के राष्ट्रीय महासचिव मनीष चौधरी, एडवोकेट चंद्रपाल सिंह सोलंकी, पतंजलि के मोहनलाल शर्मा, संजय शर्मा,ओ पी तापडि़या, अजब सिंह ठाकुर, देवकृष्ण व्यास, ओ पी दुबे सहित बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष ने कथा का श्रवण किया ।उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी चेतन उपाध्याय ने दी ।

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