मातृ-मृत्यु प्रकरणों में गड़बड़ी पाई जाने पर संबंधितों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी – कलेक्टर ऋतुराज सिंह

समय पर जांच नहीं करने और परिजनों की उचित काउंसलिंग नहीं करने पर सीएमएचओ को करनावद में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर के विरूद्ध विभागीय जांच के निर्देश
उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं के लिए एओपी बनाने, महिलाओं को चिन्हित कर जानकारी सीएमएचओ को भेजने के निर्देश
सभी बीएमओ अपने-अपने क्षेत्र में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित करें
कलेक्टर ऋतुराज सिंह की अध्यक्षता में मातृ-मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित
देवास, कलेक्टर की ऋतुराज सिंह की अध्यक्षता में मातृ मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा बैठक कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में आयोजित हुई। बैठक में कलेक्टर सिंह ने जिले में इस वर्ष हुई मातृ मृत्य प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा। उन्होंने परिवार के सदस्यों, चिकित्सक और अन्य स्टॉफ से चर्चा कर एक-एक प्रकरण की विस्तार से समीक्षा की।
कलेक्टर सिंह ने संबंधित डॉक्टर से रिपोर्ट और मृत्यु के कारण की जानकारी ली। कलेक्टर सिंह ने परिजनों से चर्चा के दौरान कहा कि मातृ-मृत्यु के कारणों की समीक्षा कर मृत्यु के कारण का पता कर गड़बड़ी पाई जाने पर संबंधितों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। मातृ-मृत्यु प्रकरण समीक्षा के दौरान प्रसव केन्द्र करनावद में उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिला की समय पर जांच नहीं करने, उच्च सेन्टर में रेफर न करते हुए अनावश्यक देरी और परिजनों की उचित काउंसिलिग नहीं करने पर पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर मीरादेवी रजक के विरूद्ध विभागीय जांच करने के निर्देश सीएमएचओ को दिये।
कलेक्टर सिंह ने सभी सीएचओ को निर्देश दिये कि उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं के लिए एओपी बनाये। उच्च जोखिम गर्भावस्था संबंधित जानकारी विकासखण्ड स्तर के अधिकारी भेजें। विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित कर जानकारी सीएमएचओ को भेजें।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की लगातार मानिटरिंग करें। उन्हें खाने में क्या दिया जा रहा है, कौनसी दवाईयां दी जा रही है इसका फॉलोअप लें। जिले के दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाली उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिंहित कर जिला अस्पताल में बर्थ वेटिंग रूम में प्रसव से एक सप्ताह पहले भर्ती किया जाए। इस दौरान नियमित चिकित्सकीय जांच की जाए, प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं को कम कर के सुरक्षित प्रसव करवायें। उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं के बनाई गई एसओपी के अनुसार कार्य हो रहा है या नहीं इसकी हर माह समीक्षा की जायेगी।
कलेक्टर सिंह ने परिजनों से कहा कि घर में प्रसव नहीं कराये, सरकार सुविधाएं दे रही है, इसका लाभ उठाये और स्वास्थ्य संस्थाओं में प्रसव कराये। सभी बीएमओ अपने-अपने क्षेत्र में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित करें। जिसमें सभी प्रकार के ब्लड ग्रुप के ब्लड उपलब्ध हो, ताकि किसी महिला की ब्लड की कमी के कारण मृत्यु नहीं हो और परिजनों को ब्लड की व्यवस्था के लिए भटकना नहीं पड़े। गर्भवती महिलाओं का ब्लड ट्रांसफ्युशन की व्यवस्था की जाये। ब्लड स्टोरेज यूनिट शुरू करने के लिए जिले स्तर से डॉक्टर सुधा वर्मा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया।
कलेक्टर सिंह ने कहा यदि केस जटिल है तो रेफर करने में देरी ने करते हुए तुरन्त उन्हें रेफर करें, रेफर करने से पहले संबंधित डॉक्टर को केस के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी दें, यदि डॉक्टर सहमत है तो उसके बाद ही रेफर किया जाये। उन्होंने सीएमएचओ को निर्देश दिये कि सभी मेडिकल ऑफिसर की बैठक लें एवं बैठक में सुनिश्चित करें की जिला अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार कौन-कौन से केस रेफर होने चाहिए। जिससे जटिल केस में ईलाज शीघ्र संभव हो सके। कलेक्टर सिंह ने निर्देश दिये कि जिले की सभी गर्भवती महिलाओं का समय पर पंजीयन कर सभी प्रकार की जांचे समय पर करें।
बैठक में सीएमएचओ डॉ. सरोजनी जेम्स बेक, समस्त जिला कार्यक्रम अधिकारी, बीएमओ, चिकित्सक, सीएचओ, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, परिवार के सदस्य सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।