पति और पुत्र के निगम में अवैध कब्जे के विरुद्ध निगम आयुक्त को शिकायत

देवास। देवास नगर निगम में महापौर, पार्षद और उपायुक्त के पति द्वारा निगम द्वारा महापौर, पार्षद और उपायुक्त को आवंटित कार्यालयों के उपयोग, उपभोग कर दुरुपयोग करने वाले अवैधानिक प्रतिनिधियों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निगम आयुक्त को शिकायत की है। शिकायतकर्ता धर्मेंद्र सिंह कुशवाह ने बताया कि देवास की नगर निगम में अनधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा अपनी पत्नी और मां को मोहरा बना कर निगम द्वारा पदेन महापौर पार्षद को आवंटित कार्यालयों पर अवैध कब्जा किया हुआ है। ये अवैध प्रतिनिधि निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को निरंतर आदेशित, निर्देशित और प्रताडि़त करते हैं। विगत वर्ष ऐसे ही एक पार्षद प्रतिनिधि ने उपायुक्त पुनीत शुक्ला के साथ मारपीट और गाली गलौज की थी। इसी प्रकार विगत दिवस भी एक पार्षद प्रतिनिधि निगम में नौटंकी करता नजर आया था और अपने आप को जनता के द्वारा वोट देकर जीताया जाना प्रदर्शित कर रहा था जबकि वो कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि था ही नहीं। इसी प्रकार महापौर गीता अग्रवाल की जगह पर उनके पति दुर्गेश अग्रवाल अपनी महापौर पत्नी के आवंटित कार्यालय पर कब्जा जमाए हुए हैं। वो निगम के सभी अधिकारियों को आदेशित निर्देशित करते हैं। महापौर के सभी कामों में दखल अंदाजी करते हैं। कभी ये अपने आप को महापौर प्रतिनिधि तो कभी विधायक प्रतिनिधि बताते हैं। जबकि विधायक प्रतिनिधि केवल विशेष आमंत्रण पर विधायक की अनुपस्थिति में आ सकता है। इसी प्रकार समाचार पत्रों के माध्यम से पता चला कि निगम उपायुक्त का पति भी निगम के काम में दखल अंदाजी कर रहा है। इस प्रकार के कृत्य मध्य प्रदेश नगर पालिक (कामकाज के संचालन की प्रक्रिया) नियम 2005 का उल्लंघन है।
श्री कुशवाह ने निगम आयुक्त को शिकायत के माध्यम से निवेदन किया कि इन सभी अवैध प्रतिनिधियों को अकारण कार्यालय आना प्रतिबंधित कर निगम के कामकाज के संचालन में अवरोध उत्पन्न करने से रोके जाने का आदेश प्रदान करें। साथ ही इस विषय में नगरीय प्रशासन और आवास विभाग के आयुक्त महोदय के भी अवगत कराया गया है। कार्यवाही न करने की दशा में इस विषय पर न्यायालय की शरण ली जाएगी।