देवास

रासायनिक/औद्योगिक आपदा मॉक अभ्यास के लिए टेबल टॉप
 

रासायनिक/औद्योगिक आपदा मॉक अभ्यास के लिए टेबल टॉप एक्सरसाइज का आयोजन हुआ

औद्योगिक आपदा प्रबंधन पर मॉक एक्‍सरसाईज का आयोजन 17 अप्रैल को देवास में मसर्स नवीन केमिकल्‍स इन्‍दौर रोड औद्योगिक क्षेत्र देवास में किया जायेगा

मॉक अभ्यास मध्य प्रदेश के 10 जिलों भोपाल, सीहोर, देवास, इंदौर, धार, जबलपुर, रायसेन, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और उज्जैन में विभिन्न रासायनिक/औद्योगिक खतरा परिदृश्यों पर किया जायेगा

देवास 15 अप्रैल 2025/ देवास सहित मध्‍य प्रदेश के 10 जिलों जिलों भोपाल, सीहोर, देवास, इंदौर, धार, जबलपुर, रायसेन, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और उज्जैन में विभिन्न रासायनिक/औद्योगिक खतरा परिदृश्यों पर औद्योगिक आपदा प्रबंधन पर मॉक एक्‍सरसाईज का आयोजन 17 अप्रैल को किया जायेगा। रासायनिक/औद्योगिक खतरा मॉक अभ्यास के निष्पादन के लिए एक टेबल टॉप एक्सरसाइज (टीटीईएक्स) आयोजित की गई। टीटीईएक्स की अध्यक्षता श्री अरविंद कुमार, डीजी एसडीईआरएफ भोपाल द्वारा की गई। बैठक में औद्योगिक आपदा प्रबंधन पर मॉक एक्‍सरसाईज से संन्धित विभागों के अधिकारी एनआईसी कक्ष से शामिल हुए। बैठक के दौरान, ब्रिगेडियर रवींद्र गुरंग (सेवानिवृत्त), एनडीएमए ने 17 अप्रैल 2025 को होने वाले रासायनिक/औद्योगिक खतरा मॉक अभ्यास के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मॉक अभ्यास के सभी पहलुओं, प्रत्येक हितधारक की भूमिका और प्रतिक्रिया, बचाव, निकासी और राहत के लिए सेना, पुलिस, अग्नि और चिकित्सा टीम सहित समग्र कार्य बलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने मॉक अभ्यास के लिए घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर घटना कमांडर मॉक अभ्यास को निष्पादित करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी होता है। मॉक अभ्यास मध्य प्रदेश के 10 जिलों में भोपाल, सीहोर, देवास, इंदौर, धार, जबलपुर, रायसेन, सिंगरौली, छिंदवाड़ा और उज्जैन में विभिन्न रासायनिक/औद्योगिक खतरा परिदृश्यों पर प्रात: 9:30 बजे शुरू होगा। डीआईजी एसडीईआरएफ श्री मनीष कुमार अग्रवाल ने अपने संबोधन में सभी विभागों के नोडल अधिकारियों और सभी हितधारकों से मॉक ड्रिल अभ्यास में ईमानदारी से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने जोर दिया कि यह अभ्यास जिले को अपनी तैयारियों का आकलन करने और सुधार के तरीके खोजने में मदद करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मॉक अभ्यास के दौरान पर्याप्त जन जागरूकता पैदा की जाए और किसी भी तरह की दहशत जैसी स्थिति से बचा जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button