गायत्री जयंती पर्व पर दो दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन
सामूहिक गोष्ठी में जन्म शताब्दी वर्ष 2026 पर चिंतन मंथन होगा

आगामी रचनात्मक अभियानों के लिए संकल्पित भी कराया जायेगा
देवास । गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजय नगर पर श्रीवेदमाता गायत्री के प्राकट्य दिवस, माँ गंगा का अवतरण दिवस एवं अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी के महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष्य में 04 व 05 जून को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि बाहरी और आंतरिक पवित्रता का पर्व है, गंगा दशहरा व गायत्री जयंती । राजर्षि भगीरथ के कठोर तप व भावभरी प्रार्थनाओं के सुफल के रूप में भगवती गंगा, धरती को पावन करने के लिये अवतरित हुई । इसी शुभ तिथि को ब्रह्मऋषि विश्वामित्र के दुष्कर तप एवं करूण प्रार्थनाओं के प्रतिफल के रूप में आदिशक्ति माँ गायत्री भी अवतरित हुई । इस पावन तिथि को परम पूज्य गुरूदेव का स्वर्ग लोक में गमन हुआ । इस अवसर पर 04 जून को प्रातः 06 बजे से सायंकाल 06 बजे तक अखण्ड जप एवं सायंकाल 07 बजे से दीपयज्ञ तथा 05 जून को प्रातः 08.30 बजे से श्रीवेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा, माँ गंगा एवं देवोहवान व देवपूजन कर पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ प्रारंभ होगा साथ ही दीक्षा, यज्ञोपवित, विद्यारंभ सहित विभिन्न संस्कार होंगे । प्रातः 11 बजे गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति, आरती पश्चात सामूहिक कार्यकर्ता गोष्ठी संपन्न होगी जिसमें गुरुमाता भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दी एवं अखण्ड दीप के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में रचनात्मक अभियानों को साकार करने की योजनाएं बनेगी और संकल्पित भी कराया जायेगा और सामाजिक कार्यकर्ताओ का सम्मान का क्रम भी बनेगा साथ ही महाप्रसाद का वितरण होगा। इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर 04 जून की सन्ध्या को दीपयज्ञ होगा । 05 जून को प्रातः 8.30 बजे से पंचकुण्डी गायत्री महायज्ञ होगा । साथ ही प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में दीक्षा, यज्ञोपवित, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार होंगे । प्रातः 11 बजे गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति पश्चात आरती एवं प्रसाद का वितरण होगा । गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंड्या एवं गायत्री प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेन्द्र पोरवाल ने समस्त भावनाशील परिजनों से अनुरोध किया है कि इस आध्यात्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पुण्य लाभ प्राप्त करें ।