राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष दविंद्र मोरे की अध्यक्षता में बाल संरक्षण विषय पर बैठक आयोजित

बाल संरक्षण के मुद्दों पर अति संवेदनशीलता से कार्य करते हुए आपसी समन्वय से कार्य करें – अध्यक्ष मोरे
देवास, 04 मई 2025/ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष दविंद्र मोरे की अध्यक्षता में बाल संरक्षण विषय पर कलेक्टर सभाकक्ष में शनिवार को बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अध्यक्ष दविंद्र मोरे ने बाल विवाह अभियान की समीक्षा कर बाल विवाह रोकथाम एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समय-समय पर बैठक करने के निर्देश दिये। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष दविंद्र मोरे ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन बच्चों के मामलों में जीरो टॉलरेंस पर कार्य कर रही है। बाल संरक्षण के मुद्दों पर अति संवेदनशीलता से कार्य करते हुए आपसी समन्वय से कार्य करें।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष दविंद्र मोरे कहा कि हम सभी लोग बालकों के लिए काम कर रहे हैं। बच्चों के हितों का संरक्षण कर उन्हें उचित वातावरण प्रदान करते हुए मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए हम कार्यरत हैं एवं उसकी चिंता हम करते हैं। मीटिंग के दौरान पुलिस अधिकारियों से जरूरी जानकारी ली गई एवं निर्देशित किया कि पुलिस अधिकारियों को बाल संरक्षण के मुद्दों से संबंधित क़ानूनों के बारे में ट्रेनिंग प्रदान करें। सभी हितधारकों को निर्देशित किया गया कि पोक्सो के संबंध में FIR दर्ज़ कर त्वरित कार्रवाई करें ताकि पीड़िता को जल्दी न्याय मिल सके।
जिले में सभी थानों में चाइल्ड फ्रेंडली थाना गठित है, उन्हें सुचारू रूप से चलाये जाने के निर्देश दिये। महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों ने बताया कि ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समितियां गठित है। जिला शिक्षा अधिकारी को विशेष निर्देश दिये कि वे छात्रावासों का चिंहांकन कर फिट फैसिलिटी घोषित करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पोक्सो पीड़िता एवं बाल संरक्षण कि जरूरतमंद बालकों के लिए विशेष सुविधाएं देने हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास लवनीत कोरी द्वारा पीपीटी के माध्यम से विभागीय योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला बाल विकास, वन स्टॉप सेंटर, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी, विशेष किशोर पुलिस अधिकारी, समस्त थानो के बाल कल्याण अधिकारी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा समन्वयक, आदिम जाति कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, श्रम विभाग, आस फाउंडेशन (NGO), जन साहस (NGO) एवं पॉक्सो सपोर्ट पर्सन की समीक्षा की गई।