विकसित कृषि संकल्प अभियान से जिले के दूरस्थ ग्रामों तक पहुंची उन्नत खेती की जानकारी दी

देवास जिले में विकसित कृषि संकल्प अभियान के माध्यम से
उन्नत खेती की जानकारी जिले के दूरस्थ ग्रामों तक पहुँच रही हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों एवं भारतीय मृदा विज्ञान अनुसंधान संस्थान भोपाल केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल के वैज्ञानिकों द्वारा जिले में सभी तहसीलों में दूरस्थ ग्रामों तक पहुंच कर किसानों को खेती की उन्नत तकनीकी की जानकारी दी जा रही है।
अभियान के तहत डॉक्टर आर पी शर्मा ने किसानों को सोयाबीन प्याज एवं अन्य फसलों के बीज उत्पादन कर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी के तरीके बताएं। साथ ही उन्होंने खरीब मौसम में लगाई जाने वाली फसलों में कीट बीमारी एवं उसमें होने वाली रोकथाम की बारे में विस्तार से बताया।
केंद्रीय कृषि अभी अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल से पधारे वैज्ञानिकों द्वारा फसलों में किस तरीके से कम पानी में भी अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है एवं पानी के फसलों में अधिक मात्रा में प्रयोग करने से फसलों के उत्पादन में कमी होती है उसके बारे में कृषिकों से संवाद किया। उन्होंने वर्षा जल को संचय करने के तरीके के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि किस तरीके से बहते पानी को रोकना चाहिए जिससे की रवि मौसम में लगाई जाने वाली फसलों को संचय जल का उपयोग किया जा सके।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के सहायक संचालक विलास पाटील द्वारा मिट्टी में 17 पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से बताएं बताया और उन्होंने बताया कि किस तरीके से किसान अपने खेतों में मात्र यूरिया, डीएपी एवं पोटाश का उपयोग करते हैं परंतु इसके अलावा भी फसलों को अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति उन्हीं सूक्ष्म पोषक तत्वों की से ही की जा सकती है। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य का कार्ड के बारे में भी बताया एवं किस तरीके से किसान खाली खेतों से मिट्टी खेतों से मिट्टी का नमूना लिया जा सकता है एवं उसकी जांच उपरांत अनुशंसित उर्वरक के उपयोग मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर की जाने की सिफारिश की जिस से की फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि की जा सके फसलों में अनुशंसित उर्वरक को के उपयोग से न केवल उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है अपितु उसकी गुणवत्ता में भी सुधार कर अधिक मूल्य बाजार से प्राप्त किया जा सकता है।