देवास

कुत्तों का शहरभर में आतंक, 3 वर्षीय खेलते बच्चें व वृद्ध महिला को नोचा, अन्य 15 को भी बनाया शिकार
देवास।

 देवास शहर में आए दिन कुत्तों का आतंक बढता जा रहा है। जिससें शहरीय लोगों में भय का माहौल है। कुत्तो के काटने की घटनाओं दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। हर एक दो दिन में पीडि़त लोग जिला अस्पताल में इलाज कराने आ रहे हैं। एक ऐसी ही घटना विगत दिनों में रसुलपुर में घटित हुई।
सामाजिक संस्था नेशनल यूनिटी ग्रुप संस्थापक अनिल सिंह ठाकुर ने नगर निगम पर आरोप लगाते हुए बताया कि शहर में आवारा पशुओं के काटने की घटना दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। निगम आवरा कुत्तो पर कार्रवाई करने निष्क्रिय है। जिला अस्पताल में इलाज कराने वालों इंजेक्शन लगाने वालों की संख्या देखी जा सकती है। इसी तरह की घटना विगत दिनों 20 मार्च को घटित हुई। शहर के रसूलपुर में 3 वर्षीय मासूम बालक प्रियांशु पिता सीताराम परिहार घर अकेला खेल रहा था। उसके माता-पिता घर पर नहीं थे। तभी अचानक कुत्ते ने हमला कर दिया। जिससे बालक के कान व सिर पर गंभीर घाव हो गया। ज्यादा घाव होने के कारण बालक घायल अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर एम.वाय, अस्पताल इंदौर रेफर कर दिया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। बताया जाता है कान, सिर पर 12 टाके आए हैं। इसी तरह वृद्ध शांति बाई पति बाबूलाल उम्र 65 वर्ष बकरी चराते समय कुत्ते ने हाथ पर काटने के कारण घायल हुई। एक अन्य महिला रूखसार बी पति रियाज मोहम्मद उम्र 45 वर्ष को काटने की सूचना है। विगत सप्ताह उज्जैन रोड कमलानगर की ओर समाचार पत्र विक्रेता महेश वर्मा को भी कुत्तो ने अपना शिकार बनाया था। मिली जानकारी अनुसार आवरा कुत्ते के काटने से 15 लोग घायल होने के साथ दो भैंस को भी काटा है। इस संबंध में निगम के संबंधित अधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हमारी टीम कुत्ते को पकड लाई है। लेकिन जब स्थानीय रहवासियों से चर्चा हुई तो उनका कहना था कि आवारा कुत्ता यही घूम रहा है। निगम की टीम दूसरे कुत्ते को पकड ले गई है। नेशनल यूनिटी ग्रुप के  ठाकुर सहित ग्रुप के सुनील सिंह ठाकुर, हटेसिंह दरबार,  अभिषेक सोनी, रफीक पठान, जय सिंह ठाकुर, जितेंद्र मारू, सत्यराज सिंह ठाकुर, लक्ष्मण सिंह ठाकुर, सुभाष वर्मा, गुडु मसाले वाला आदि ने नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि शहर में बढती आवारा कुत्तों की संंख्या पर लगाम लगाने हेतु ठोस कदम उठाए। साथ ही इन कुत्तो को पकडकर अन्य जगह छोडा जाए। कुत्तों से घायल लोगों को निगम द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।

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