देवास

खुशियों की दास्तां



स्वास्य्र विभाग द्वारा संचालित पोषण पुर्नवास केंद्र कुपोषित बच्चों को कर रहा है कुपोषण से मुक्त


पोषण पुर्नवास केंद्र में उपचार के बाद देवास जिले के ग्राम बुदासा निवासी मित्यांशी गंभीर कुपोषण से हुई मुक्त

देवास, 02 जनवरी 2025/ राज्य शासन द्वारा प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य संबंधी कई अभियान एवं योजनाएं संचालित की जा रही है। इन अभियानों एवं योजनाओं के माध्यम से मरीजों एवं प्रदेश वासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराकर उन्हें निरोगी काया प्रदान की जा रही है। शासन द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किए हैं, जिनमें कुपोषित बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। इसके माध्यम से कुपोषित बच्चे स्वस्थ्य भी हो रहे हैं। इन्हीं बच्चों में देवास जिले के विकासखंड टोंकखुर्द के ग्राम बुदासा की मित्यांशी है, जिनका उपचार पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में हुआ और अब वे कुपोषण से मुक्त हो गई है।
सीबीएमओ डॉ माया कल्याणी ने बताया कि देवास जिले के टोंकखुर्द विकासखंड के ग्राम बुदासा कि किरण पति महेन्द्र की 04 माह की बच्ची मित्यांशी का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने पर आंगनवाडी केन्द्र में कार्यकर्ता श्रीमती उमा विश्वकर्मा ने आरबीएसके चिकित्सक डॉ. राजेश नागर द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया। स्वास्थ्य परीक्षण में पाया कि बच्ची के कमजोर होने के कारण स्वास्थ्य खराब रहता है। चिकित्सक ने समझाईश और सलाह देकर एनआरसी टोंकखुर्द में रैफर किया।
इसके पश्चात सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टोंकखुर्द की पोषण पुनर्वास केंद्र की प्रभारी मेडिकल ऑफिसर डॉ. शबीना मंसूरी ने बच्ची का चेकअप किया। पोषण प्रशिक्षक श्रीमती सरिता रघुवंशी ने माता-पिता को बताया कि एनआरसी में मित्यांशी को भर्ती कर चिकित्सकीय उपचार किया जाएगा और आपको किस प्रकार खान-पान करना है की जानकारी और समझाइश दी जावेगी। इसके पश्चात दिनांक 14 नम्बर 2024 को भर्ती कराया गया। भर्ती के समय बच्चे को बुखार और दूध पीने में परेशानी होने की शिकायत थी, वजन 2.680 कि.ग्रा और ऊंचाई 53 से.मी. थी।
    सीबीएमओ डॉ. माया कल्याणी ने बताया कि एनआरसी में बच्चों के उचित उपचार के लिए निरन्तर मॉनिटरिंग की गई। बच्ची मित्यांशी को भर्ती कर मां को लगातार समझाइश दी गई, जिससे मां बच्चे को स्तनपान कराने लगी थी। एनआरसी स्टॉफ ने मां की के.एम.सी. (कंगारू मदर केयर की प्रैक्टिस) भी नियमित करवाते थे, जिससे बच्ची में बहुत सुधार हुआ। मित्यांशी को चिकित्सीय उपचार किया गया। एनआरसी प्रभारी मेडिकल ऑफिसर डॉ. शबीना मंसूरी ने नियमित चेकअप किया। श्रीमती सरिता रघुवंशी ने मां को स्तनपान परामर्श, कंगारू मदर केयर परामर्श एवं बच्चे को पोषण आहार के रूप में  एफ/100 डिल्यूटेड दिया गया जिससे बच्ची 14 दिवस में ही पूर्ण स्वस्थ हो गई। लक्षित वजन वृद्धि हुई एनआरसी एएनएम, केयरटेकर एवं समस्त स्टाफ ने बच्ची की बहुत अच्छे से निगरानी रखी एवं देखभाल की। छुट्टी के समय बच्ची की घर पर देख भाल के बारे में मां को समझाइश दी गई। भर्ती के समय बच्ची का वजन 2.680 कि.ग्राम था छुट्टी के समय मित्यांशी का वजन 3.400 कि.ग्राम एवं ऊंचाई 53.2 से.मी हो गई। एनआरसी से छुट्टी उपरांत अब प्रत्येक 15 दिवस में बच्चे का फॉलो अप किया जाता है पहले फॉलो अप में बच्चे का वजन 3.750 ग्राम हो गया एवं बच्चा पूर्ण स्वस्थ है। मित्यांशी के माता-पिता एवं परिजनों ने बच्ची को पूर्ण स्वस्थ देखकर बहुत खुश हुए तथा परिजनों ने शासन की जनकल्याणकारी योजना के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सरोजनी जेम्स बैक ने बताया की पोषण पुर्नवास केन्द्र जिला चिकित्सालय देवास, सिविल अस्पताल कन्नौद, खातेगावं और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टोंकखुर्द, बागली में गम्भीर कुपोषित बच्चों का आशा, आंगनवाडी कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा चिंहित कर भर्ती कराया जाता है। साथ ही जिला अस्पताल में नियमित वार्ड में भी ऐसे बच्चों को चिंहित कर पोषण पुर्नवास केन्द्र में 14 दिनों तक बच्चों को भर्ती किया जाता है। निर्धारित डाईट प्रदान की जाकर माता को समझाईश दी जाती है। मित्यांशी जैसे कई बच्चों का उपचार पोषण पुर्नवास केन्द्र में किया जाता है जिसकी मॉनिटरिंग व देखरेख शिशु रोग विशेषज्ञ एवं व एन.आर.सी. नोडल अधिकारी द्वारा नियमित की जाती है। कुपोषित बच्चे के भर्ती होने के दौरान बच्चे की माता को 120 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से 14 दिन की राशि 01 हजार 680 रूपये स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान किये जाते है।

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