स्वावलंबी महिला सशक्त राष्ट्र सफलता की कहानी

आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह से जुड़ने के पश्चात सुनीता मालवीय बनी लखपति
स्व सहायता समूह के माध्यम से ऋण लेकर बैंक सखी, पशु पालन एवं अन्य गतिविधियों के माध्यम से प्रतिमाह 10 हजार रुपए की कर रही आय
महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए श्रीमती सुनीता मालवीय प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ यादव को दे रही है धन्यवाद
देवास, 27 मई 2025/ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं से जुड़कर एवं लाभ पाकर महिलाएं सशक्त होकर सफलता की नई इबारत लिख रही है। शासन की यह योजनाएं महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। महिलाएं आजीविका मिशन से जुड़कर न केवल स्वयं सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा रही है। इन्हीं महिलाओं में सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम कराड़ियापरि के स्व सहायता समूह की सुनीता मालवीय है, जिन्होंने स्व सहायता समूह के माध्यम बैंक सखी, पशु पालन एवं खेती सहित अन्य गतिविधियों के माध्यम सफलता की नई इबारत लिखी। महिलाओं को सफलता की ऊंचाई प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हितग्राही सुनीता मालवीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दे रही है।


स्व सहायता समूह की सुनीता मालवीय ने बताया कि वे सोनकच्छ विकासखंड के ग्राम कराड़िया परि की रहने वाली है। समूह से जुड़ने से पूर्व वे गृह कार्य करती थी और साथ ही अपने पति के काम में भी मदद करती थी। वे बताती हैं कि उनकी आमदानी का कोई स्थाई स्त्रोत नहीं था। उन्हें समूह की महिलाओं ने आजीविका मिशन के बारे में जानकारी दी और मीटिंग में बुलाया। मीटिंग में स्व सहायता समूह से जुड़ने के फायदों के बारे में बताया। मीटिंग में बताया गया कि शासन द्वारा आजीविका मिशन के माध्यम से स्व सहायता समूह बनाए जा रहे हैं जिसमें 10 से 15 महिलाओं का एक समूह बनाया जाता है फिर उस का खाता बैंक में खुलता है। जिसमें समूह की सदस्य अपनी बचत करती है, जिसमें समूह की सदस्यों को शासन की योजना का लाभ मिलता है।
वे बताती हैं कि वे समूह की मीटिंग के पश्चात उन्होंने समूह से जुड़ने का फैसला लिया और समूह से जुड़ी। समूह से जुड़ने के पश्चात उनके जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आए हैं। वे बताती हैं कि वे बैंक सखी, पशुपालन अन्य गतिविधियों के माध्यम प्रतिमाह 10 हजार रुपए से अधिक की आय अर्जित कर लेती हैं। आज वे लखपति दीदी की श्रेणी में आ गई है और सालभर में उन्हें एक लाख रुपए से अधिक की आय होती हैं। यह सब आजीविका मिशन से हो पाया है। आज वे बहुत खुश हैं। वे महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पुन: हृदय से आभार व्यक्त कर धन्यवाद दे रही हैं।