देवास

सुलभ प्रशासनिक व्‍यवस्‍था, नागरिकों की सुविधाओं तथा जनअपेक्षाओं को केन्द्र में रखकर बनाए जाए प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन के प्रस्ताव –  एसएन मिश्रा



भौगोलिक, आर्थिक, प्रशासनिक तथा बुनियादी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए दें सुझाव

पीपीटी के माध्यम से दी आयोग के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली से संबंधित जानकारी

नागरिकों की प्रशासन तक पहुंच को सहज, सरल बनाने के लिए प्रशासनिक इकाई के पुनर्गठन की आवश्यकता

प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की बैठक सम्पन्न

     देवास 08 अप्रैल 2025/ मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग की बैठक कलेक्‍टर कार्यालय सभाकक्ष में आयोग के सदस्य पूर्व आईएएस  एसएन मिश्रा,  मुकेश शुक्ला और  अक्षय सिंह की उपस्थिति में आयोजित हुई। बैठक में प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों एवं जन अपेक्षाओं के आधार पर और अधिक जनोन्मुखी एवं सुलभ प्रशासन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तहसील, उपखंड प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन संबंधी मार्गदर्शी सिद्धांतों से अवगत कराया गया। साथ ही आयोग के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली से संबंधित जानकारी पीपीटी के माध्यम से दी। बैठक में कलेक्टर  ऋतुराज सिंह, अपर कलेक्‍टर  बिहारी सिंह, एसडीएम सोनकच्‍छ  प्रियंका मिमरोट, एसडीएम बागली  आनंद मालवीय, एसडीएम खातेगांव  प्रिया चन्‍द्रावत, एसडीएम कन्‍नौद  प्रवीण प्रजापित, एसडीएम टोंकखुर्द  कन्‍हैयालाल तिलवारी सहित अन्‍य जिला अधिकारी उपस्थित थे।

       बैठक में आयोग के सदस्य एसएन मिश्रा ने निर्देश दिए कि आमजनों की सुविधा तथा प्रशासनिक व्‍यवस्‍था को ध्‍यान में रखते हुए पुनर्गठन के सुझाव दें। सुलभ प्रशासनिक व्‍यवस्‍था, नागरिकों की सुविधाओं तथा जनअपेक्षाओं को केन्द्र में रखकर प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन के प्रस्ताव बनाए जाए। उन्‍होंने कहा कि प्रशासन जनता की सेवा के लिए जन आकांक्षाओं के अनुरूप हो, इसके लिए नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और कम से कम समय में अधिकतम सेवाएं उपलब्ध कराने तथा नागरिकों की प्रशासन तक पहुंच को सहज, सरल बनाने के लिए प्रशासनिक इकाई के पुनर्गठन की आवश्यकता है। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए नई तकनीकों एआई और चैट जीपीटी को दृष्टिगत रखते हुए कर्मचारियों का युक्तियुक्‍तकरण करें जिससे कार्य दक्षता उन्‍नत हो।
      सदस्य  मिश्रा ने बताया कि भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक सुविधा, बुनियादी सुविधाएं, आर्थिक कारक, जनसांख्यिकी कारक, सुरक्षा एवं सांस्कृतिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जनता को आसानी से प्रशासनिक सेवाएं देने के लिए वर्तमान जिला, तहसील और जनपद, विकासखंडों पर सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन की प्रक्रिया में नागरिकों की सहुलियत और सुविधाओं का विशेष ध्यान रख कर समन्वय स्थापित कर प्रस्ताव तैयार किए जाये।
      बैठक में  सिंह ने निर्देश दिये कि प्रश्नावली तैयार करने में विशेष सतर्कता बरती जाए। ग्राम स्तर, पंचायत स्तर, राजस्व निरीक्षक मंडल स्तर, तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी सुझाव लेकर कलेक्टर को भेजें। इसमें किसी भी प्रशासनिक इकाई का कोई युक्तियुक्तकरण, विलोपन, नवीन सृजन किया जाना है, तो उसका उचित प्रस्ताव तैयार कर प्रश्नावली को अद्यतन कर पृथक से शामिल कर जिला कलेक्टर को भिजवायें। जिले की समस्त तहसीलों एवं अनुविभागों की बैठक के उपरांत कलेक्टर अपने स्तर पर अधीनस्थों से प्राप्त प्रस्ताव पर युक्तियुक्तकरण पर वृहद चर्चा कर उस प्रस्ताव को अंतिम रूप से तैयार कर एवं प्रश्नावली को अद्यतन कर आयोग को भेजेंगे। जिला स्तर पर सभी विभागों के जिलाधिकारी से भी चर्चा की जाए ताकि उनके विभागों की कार्य प्रणाली का भी मत आ सके। कलेक्टर समीक्षा उपरांत जिले का एक अंतिम प्रस्ताव बनाकर प्रश्नावली को अद्यतन करेंगे।

       आयोग के सदस्य  मुकेश शुक्ला तथा श्री अक्षय सिंह ने कहा कि शासन की मंशा है कि जनोन्मुखी प्रशासन हो, सुलभ हो, शासन द्वारा जिलों में क्रियान्वित योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक सुगमता से पहुंचे। नागरिकों को समय पर सुविधाओं व योजनाओं का लाभ मिले यह हम सबका नैतिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि तहसील या उपखण्ड बनाने से पहले उनकी भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या घनत्व, बुनियादी सुविधाएं और प्रशासनिक जरूरत इत्यादि प्रश्नावली में उल्लेखीय बिंदुओं को प्राथमिकता दी जाए। इस कार्य में समन्वय लिए जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाये। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन प्रक्रिया में जो भी प्रस्ताव भेजे जाएं वह आम नागरिकों की आकांक्षाओं, आवश्यकता के अनुरूप ही तैयार हों।

         कलेक्टर  ऋतुराज सिंह ने आश्वस्त किया कि सभी से सुझाव लेकर आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर आयोग को प्रेषित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जिले के नागरिकों की सुविधा सहित आयोग के निर्देशों को ध्यान रखते हुए प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। कलेक्‍टर  सिंह ने कहा कि कार्य दक्षता के लिए डाटा मैनेजमेंट बहुत मत्‍वपूर्ण है। सिंगल डाटा बेस मैनेजमेंट सिस्‍टम बनाने की आवश्‍यकता है, जिससे डाटा आसानी से मिल सके।

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