सफलता की कहानी

आजीविका मिशन के स्व सहायता समूह से जुड़ने के पश्चात कोमल मीणा के जीवन में आए उल्लेखनीय बदलाव
स्व सहायता समूह से जुड़कर बनी आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से हुई सुदृढ़, अब सालाना हो रही है अच्छी आय
महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कोमल मीणा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री डॉ यादव को दे रही है धन्यवाद
देवास, 30 मई 2025/ मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं से जुड़कर एवं लाभ पाकर महिलाएं सशक्त होकर सफलता की नई इबारत लिख रही है। शासन की यह योजनाएं महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। महिलाएं आजीविका मिशन से जुड़कर न केवल स्वयं सशक्त हो रही हैं बल्कि अपने परिवार का आर्थिक स्तर भी ऊंचा उठा रही है। इन्हीं महिलाओं में कन्नौद विकासखंड के ग्राम ग्राम देवसिरालिया की स्व सहायता समूह की कोमल मीणा है, जिन्होंने स्व सहायता समूह के माध्यम से बैंक सखी, भैंस पालन कर मावा उत्पादन, अनाज खरीदने सहित अन्य कार्य प्रारंभ किए। इसके लिए साथ गेहूं उपार्जन का कार्य कर सफलता की नई इबारत लिखी। महिलाओं को सफलता की ऊंचाई प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हितग्राही कोमल मीणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दे रही है।
स्व सहायता समूह की कोमल मीणा ने बताया कि वे कन्नौद विकासखंड के ग्राम देवसिरालिया की रहने वाली है। उनके परिवार पति व बच्चों सहित पांच सदस्य है। वे बताती है कि वे कक्षा 12वीं तक पढ़ी है। समूह से जुड़ने से पूर्व वे घर के कार्य और खेती करती थी। उनका जीवन सामान्य घरेलू महिला की तरह चल रहा था। वे बताती हैं कि उनकी आमदानी का कोई स्थाई स्त्रोत नहीं था। उन्हें समूह की महिलाओं ने आजीविका मिशन के बारे में जानकारी दी और मीटिंग में बुलाया। मीटिंग में स्व सहायता समूह से जुड़ने के फायदों के बारे में बताया। मीटिंग में बताया गया कि शासन द्वारा आजीविका मिशन के माध्यम से स्व सहायता समूह बनाए जा रहे हैं जिसमें 10 से 15 महिलाओं का एक समूह बनाया जाता है फिर उस का खाता बैंक में खुलता है। जिसमें समूह की सदस्य अपनी बचत करती है, जिसमें समूह की सदस्यों को शासन की योजना का लाभ मिलता है।
वे बताती हैं कि वे समूह की मीटिंग के पश्चात उन्होंने समूह से जुड़ने का फैसला लिया और समूह से जुड़ी उनके समूह का नाम मां शारदा आजीविका स्वयं सहायता समूह है। ग्राम संगठन का नाम देवसिरालिया ग्राम संगठन है। उनके सीएलएफ का नाम सरस्वती आजीविका संकुल संगठन है।
वे बताती है कि आजीविका मिशन से जुड़ने के पश्चात उनके जीवन में उल्लेखनीय बदलाव आए हैं। वे बताती है कि वर्ष 2017 में समूह में जुड़ने का निर्णय लिया। उसके बाद प्रति सप्ताह 20-20 रूपये की बचत करने लगी। और उन्हें समूह की बैठक लिखने का प्रशिक्षण दिया गया। आजीविका मिशन और उनकी और उनके पति की मेहनत से आज में बहुत खुशहाल जीवन जीने लगी है। उनकी जिदंगी एक दुखभरी थी, इतनी जल्दी आगे बढ़ जाउगी कभी नहीं सोचा था। वे बताती हैं कि आजीविका मिशन से उन्हें राशन की दुकान का कार्य भी मिल गया। जिसमें वे सेल्समेन का कार्य किया। जिसमें उन्हें 8400 रूपये प्रतिमाह मिलते है।
वे बताती हैं कि आजीविका गतिविधियों के माध्यम से उन्होंने 50000 रूपये का ऋण लेकर भैंस खरीदी और साथ में मावा बनाने का कार्य प्रांरभ किया जिससे 12000 रूपये आमदानी प्राप्त होने लगी। फिर उन्होंने घर वालों के साथ मिलकर अनाज खरीदी विक्रय का व्यापार करने लगी। आजीविका मिशन से उन्हें शिक्षा और सक्रियता के आधार पर बैंक सखी प्रशिक्षण दिलवाया, जिसमें बीओआई की आईडी मिल गई। जिससे में बैंक सखी का भी कार्य करने लगी। जिससे 2500 रूपये की आमदानी होने लगी।
गणवेश सिलाई का कार्य भी हमारे समूह सदस्यों द्वारा किया गया। जिससे भी उन्हें 25000 रूपये की आमदानी प्राप्त हुई। उनके ग्राम संगठन को गेहूं उपार्जन का कार्य भी दिया गया। आज वे लखपति दीदी की श्रेणी में आ रही है। आज उनके पा घर पशुधन भी हैं, उनको भी क्रय-विक्रय, कृषि कार्य करती हैं। इस प्रकार के सभी कार्यों को मिलाकर उनकी आय हजारों रुपए में हो रही है। उन्हें शासन की योजनाओं का भी लाभ मिल रहा है। यह सब आजीविका मिशन से संभव हो पाया है। आज वे बहुत खुश हैं तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हृदय से धन्यवाद दे रही हैं।