देवास

प्राईम हॉस्पिटल देवास में संत कबीर साहब की 626वीं जंयती हर्षोउल्लास के साथ मनाई गई


देवास। विश्व के महान संत, सद्गुरू कबीर साहब की 626वीं जयंती प्राईम हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, देवास में हर्षोउल्लास के साथ मनाई गई। जहां विचार गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथियों द्वारा सद्गुरू कबीर साहब के चित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वल्लन के साथ हुई। प्राईम हॉस्पिटल के संचालक डॉ. पवन कुमार चिल्लौरिया ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज के संदर्भ में कबीर जयंती हमें यह याद दिलाती है कि अगर हम वास्तव में धार्मिक बनना चाहते हैं, तो पहले हमें पाखंड और अंधविश्वास के पर्दे हटाकर मानवता को अपनाना होगा। संत कबीर न केवल एक भक्त कवि थे, बल्कि एक सामाजिक क्रांतिकारी भी थे, जिन्होंने अपने समय के अंधकार को चुनौती दी और एक ऐसे सत्य की मशाल जलाई जो आज भी जल रही है। आज जब विज्ञान और तकनीकी प्रगति के युग में भी समाज में अनेक प्रकार के अंधविश्वास, धर्म के नाम पर विभाजन और ढोंगी बाबाओं का बोलबाला है, तब कबीर की वाणी और भी प्रासंगिक हो जाती है। हमें कबीर से यह सीखने की आवश्यकता है कि- धर्म का मूल उद्देश्य आत्म-उत्थान है, न कि भय और दिखावा। प्रेम, करुणा और सत्य मार्ग ही आध्यात्मिकता का सच्चा स्वरूप है। हर व्यक्ति में परमात्मा है, न कोई ऊँचा है, न नीचा। 


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो.एस.एम.त्रिवेदी ने अपने ने कहा कि समाज में व्याप्त बुराईयों को मिटाने के लिए दादु, पल्टू, रेदास व कबीर जैसे संत अवतरित हुए है। इन्होने समाज सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, हमें धर्म जाति से परे होकर कबीर के संदेशों का अनुसरण करना चाहिए।  विशेष अतिथि प्रो.बी.एस. मालवीय ने कहा कि कबीर ने समाज उत्थान के लिए जो अलग जगाया है वह अद्वितीय है। एस.एल. परमार ने कहा कि कबीर ने हिंदू और मुसलमान में  व्याप्त समाजिक बुराईयों पर छिंटाकसी ही नहीं की है बल्कि मौलवियों एंव पुजारियों को कड़े लहजे में चेताया है। मास्टर गौरवित सिंह ने कबीर के दोहे एवं साखियों को उद्धृत करते हुए बाताया कि कबीर की वाणी पाखण्ड और अंधविश्वास पर गहरी चोंट करती है। कुमारी तिक्षिता सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कबीर दास को आज की पीढ़ी उनके लेखन एवं भजन से ही पहचान नहीं है बल्कि उनके उद्देश्यों से रूबरू कराती है।  गोष्ठी में एफ.बी. मानेकर, मुन्ना सरकार, सत्यवान पाटिल, रामप्रसाद गुलावटिया, नंदकिशोर पोरवाल, आत्माराम परिहार, कैलाश सिंह राजपुत, कुसुम वागडे, दयाराम सारोलिया, राजेन्द्र राठोर, महेश कुमार पाण्डे,  विरपरा आदि ने संबोधित किया। कबीर भजन गायक दयाराम मालवीय द्वारा कबीर भजन गाकर कबीर साहब की स्तुति की। इस अवसर पर मासिक पत्रिका कबीर दीनोदय के मई अंक का विमोचन भी मुख्यअतिथियों द्वारा किया गया। गोष्ठि में मोहनदास बैरागी, प्रदीप खोचे, ओम श्रीवास, ओमप्रकाश वागड़े, भारतसिंह मालवीय, विक्रम सिंह मालवीय, डॉ. जगदीश सिंदल, गोवर्धन लाल गेहलोत, सुरेश सवनेर, राजेश मावलवीय, डॉ. मायाराम चौहान, प्राईम हॉस्पिटल के विवेक श्रीवास्तव,  प्रिया मालवीय, रवि, अमित श्रीवास्तव, विपिन कुमावत आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन का मदनलाल जैठवा ने किया एवं आभार सूर्योदय ने माना। कार्यक्रम की रूपरेखा सांझा मंच के संयोजक मेहरबान सिंह ने रखी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button