प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर संस्था आर्ट ऑफ़ लिविंग ने जेल में 250 कैदियों को कराया ध्यान

प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर संस्था आर्ट ऑफ़ लिविंग ने जेल में 250 कैदियों को कराया ध्यान
देवास। प्रथम विश्व ध्यान दिवस पर बाईपास राजोदा के पास स्थित जिला जेल में 250 कैदियों ने ध्यान किया। आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की वरिष्ठ शिक्षिका पुष्पा केवट एवं शिक्षिका मीणा खत्री द्वारा 250 कैदियों को श्री श्री रविशंकरजी द्वारा प्रेषित ध्यान करवाया गया। शिक्षिका पुष्पा केवट द्वारा जीवन मे ध्यान का महत्व और लाभ बताते हुए कहा कि जैसे शरीर के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। वैसे ही आत्मा का भोजन ध्यान है। ध्यान करने से हमे आंतरिक खुशी और प्रसन्नता मिलती है। मानसिक एवं शारीरिक रूप से सुदृढ़ होकर हमारी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। मन की शांति के लिए जीवन में प्रतिदिन ध्यान करना अति आवश्यक है। इसलिए प्रत्येक नागरिक इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में थोड़ा वक्त निकाल कर ध्यान अवश्य करना चाहिए। इस कार्य में विजय, सुनीलसिंह ठाकुर, सोनू, संजय, फतेह सिंह, पिपलोदिया , मनीष, हर्षल, राजेंद्र, उपस्थित रहे. जेल प्रशासन के अधिकारियों अनिल दुबे जी और अधीक्षिका हिमानीजी का सराहनीय योगदान रहा।