पूर्वजों के समय से कृषि भूमि पर काबिज गरीब आदिवासियों को असंवैधानिक आधार से बेदखल नहीं करें-विधायक मुरली भंवरा
ग्राम पांजरिया के गरीब आदिवासी लघु कृषक पहुंचे जनता दरबार

देवास। पिछले 60 वर्षों से पूर्वजों के समय से राजस्व रिकॉर्ड अनुसार ग्राम पांजरिया में स्थित कृषि भूमि पटवारी हल्का नंबर 38, सर्वे नंबर 138/1 व 138/2, रकबा 2.00 हेक्टर कि उक्त कृषि भूमि पर हम गरीब आदिवासी कृषक काबिज होकर फसल पैदा कर अपने परिवार का जैसे-तैसे जीवन यापन करते आ रहे हैं। उक्त भूमि जो कि पूरी तरह से बंजर भूमि थी, इसे हमारे पूर्वजों ने ही कृषि फसल पैदा करने लायक बनाया। इस बात के साक्षी हमारे अड़ोसी-पड़ोसी सभी कृषक भाई तथा ग्राम पांजरिया व सोबल्यापुरा के सभी ग्रामवासी गवाह हैं। पिछले 60 वर्षों से आज तक कोई भी हमें रोकने-टोकने या उक्त कृषि भूमि पर अपना मालिकाना हक जताने नहीं आये। हमें विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है, एक पूर्व रिटायर्ड ग्राम सेवक ने लालच वश असंवैधानिक आधार से तत्कालीन राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर हम गरीब आदिवासियों के कब्जे की कृषि भूमि पर अपना कब्जा बताकर फर्जी शासकीय पट्टा अपने नाम बनवा लिया। जिस भूमि को बेचने का अधिकार ही नहीं है,उस भूमि को पता नहीं कैसे दूसरे के नाम रजिस्ट्री भी कर दी। वर्तमान में रजिस्ट्री धारी फर्जी मलिक दलालों के माध्यम से हमें हमारे कब्जे व हक की कघ्षि भूमि से असंवैधानिक आधार से बेदखल करने का प्रयास कर रहे हैं। यह हमें बर्दाश्त नहीं होगा।
उक्त समस्या के समाधान हेतु ग्राम पांजरिया निवासी गरीब आदिवासी विधवा महिला अवंतिका बाई पति विजय सिंह जाति गौंड,संतोष गौंड,भुरिया पिता बोंदर, संतोष मानकर, राम सिंह गोंड, मंसाराम, जुगत सिंह, चौन सिंह बछानिया, अनिल मानकर, अनार सिंह आदि पीडि़त जन ग्राम के वसूली पटेल हरि सिंह के नेतृत्व में विधायक मुरली भंवरा के जनता दरबार में पहुंच कर कहा साहब हमारे मौलिक अधिकारों की आप रक्षा करें, ताकि हम अपने परिवार का सुख-शांति के साथ भरण-पोषण कर सकें। सरपंच प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह परिहार ने बताया विधायक ने पीडि़तों द्वारा प्रस्तुत आवेदन दस्तावेजों को बड़ी गंभीरता से पढ़ा व पीडि़त जनों से सारी बात की पूछताछ की, सुन-समझ कर तत्काल देवास जिला कलेक्टर ऋतुराज सिंह व बागली अनुविभागीय अधिकारी आनंद मालविया को सारी बातों से अवगत करा कर निर्देश दिया कि किसी भी गरीब आदिवासी भाई-बहनों को असंवैधानिक आधार से उनके हक व कब्जे की कृषि भूमि से उन्हें बेदखल नहीं किया जाए। इस संबंध में तत्काल उचित कार्यवाही कर निष्पक्ष जांच करवाकर मुझे अवगत कराएं। साथ ही विधायक ने कहा इस प्रकार के ओर भी कई मामले मुझे सुनने में आ रहे हैं। जिन मामलों में फर्जीवाड़ा हुआ है उनका रिकॉर्ड मिल नहीं पा रहा है, जो कार्य एक नंबर में हुए हैं उनके रिकॉर्ड सभी उपलब्ध है। यह बात यह दर्शाती है कि राजस्व विभाग में पिछले समय में सांठगांठ कर जानबूझकर कई अनियमितताएं की गई है। पिछले जन-प्रतिनिधियों ने इस संबंध में उदासीन रवैया अपनाया, इसी का यह परिणाम देखने में आ रहा है। मैं मेरी ओर से पूरा-पूरा प्रयास करूंगा कि किसी भी गरीब आदिवासी या अन्य किसी का भी हक अधिकार असंवैधानिक आधार से नहीं छीना जाएं। विधायक ने पीडि़तों को यह भी सलाह दी आप न्यायालय के समक्ष भी अपना पक्ष रखें। बिना मांगे मां भी रोटी नहीं देती है। आपको अन्याय के खिलाफ लड़ना पड़ेगा, हम आपके साथ है।