गायत्री शक्तिपीठ एवं गायत्री प्रज्ञापीठ पर सामूहिक अनुष्ठानों की पूर्णाहूति

जिलेभर में ऐतिहासिक रूप से अद्भुत एवं शानदार सफल हुई ज्योति कलश यात्रा
देवास । गायत्री शक्तिपीठ साकेत नगर एवं गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी 30 से 06 अप्रैल तक चौत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर सामूहिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया । गायत्री शक्तिपीठ के मीडिया प्रभारी विक्रमसिंह चौधरी ने बताया कि 06 अप्रैल रामनवमी को प्रातरू 09 बजे से श्रीवेदमाता गायत्री, परम पूज्य गुरूदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्यजी, वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा एवं देवआव्हान व देवपूजन कर पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ की शुरुआत हुई जिसमें दीक्षा, यज्ञोपवित सहित विभिन्न संस्कार हुए। प्रातरू 11.30 बजे अनुष्ठान व गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई पश्चात भगवान श्रीरामजी का जन्मोत्सव मनाकर महाप्रसाद का वितरण किया गया । इस अवसर पर युवा प्रकोष्ठ समन्वयक प्रमोद निहाले ने युवा प्रकोष्ठ की ओर से कहा कि भगवान श्रीरामजी के जन्मोत्सव पर देवास जिले में चल रही युग तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में ज्योति कलश यात्रा की सफलता हेतु जिले की समस्त प्रज्ञा संस्थानों के ट्रस्टी, अभियान प्रभारी, वरिष्ठ कार्यकर्ता, युवा प्रकोष्ठ के सभी कार्यकर्ताओ को सफल आयोजन के लिए जिला कार्यालय की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित की ओर कहा कि आपके द्वारा सम्पूर्ण जिले में सफल ऐतिहासिक ज्योति कलश यात्रा निकाली गई जिसमें आपने बड़ा पुरुषार्थ लगाया है ओर जन्म शताब्दी में बड़े सौभाग्य का वरण किया है जिसे लम्बे समय तक आमजन याद करेंगे और आप बड़े पुण्य लाभ के अधिकारी बनेगे। इस अवसर पर भारतसिंह बनाफर, सुभाष जैन, कैलाशसिंह ठाकुर, विक्रमसिंह राजपूत, गणेशचन्द्र व्यास, विजय जाधव, दिलीप सोलंकी, बाबूलाल खंडेलवाल, सरिता पाटीदार, चारूप्रभा बाबर एवं गायत्री परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे । महायज्ञ का संचालन गायत्री शक्तिपीठ की देवकन्याओं ने किया एवं संस्कारों का संचालन रामनिवास कुशवाह ने किया तथा अन्त में आभार गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी महेश पंड्या ने माना । इसी प्रकार गायत्री प्रज्ञापीठ विजयनगर पर सामूहिक अनुष्ठानों की पूर्णाहुति प्रज्ञापीठ संरक्षिका दुर्गा दीदी के सानिध्य में 06 अप्रैल रामनवमी को प्रातरू 11.30 बजे पंचकुंडीय महायज्ञ के साथ हुई जिसमें दीक्षा, पुंसवन सहित विभिन्न संस्कार हुए । महायज्ञ पूर्णाहुति के पश्चात भगवान श्रीरामचंद्रजी का जन्मोत्सव मनाया गया । कर्मकाण्ड का संचालन ज्ञानदेव बोडखे व अरुणेंद्र सोनी ने किया । कार्यक्रम में ब्रजमोहन विजयवर्गीय, विजेन्द्रसिंह बेस, शेषनारायण परमार, सीमा चौधरी, वंदना पाटीदार, आर. सी. पालीवाल, स्नेहलता पोरवाल का विशेष सहयोग रहा । कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने महायज्ञ का लाभ लिया । अन्त में आभार गायत्री प्रज्ञापीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी राजेंद्र पोरवाल ने माना ।