गरीबो के हक का पैसा डकार रहे अजनास के सरपंच व सचिव, पद से हटाए जाने को लेकर ग्रामीणों ने जनसुनवाई में दिया आवेदन

देवास। गरीबो के हक के पैसो में भ्रष्टाचार कर ग्राम अजनास के सरपंच एवं सचिव डकार रहे है। उक्त आरोप ग्रामीणजनों ने लगाते हुए पद से हटाए जाने की मांग को लेकर जनसुनवाई में आवेदन दिया। ग्रामीणों ने बताया कि बताया कि जिले के ग्राम अजनास में नाला गहरीकरण कार्य चाल रहा है, जो मनरेगा से प्रस्तावित है। गहरीकरण का कार्य जेसीबी मशीन से हो रहा है। ग्रामवासियों ने बताया कि हम गरीबो को हमारा हक़ जो हमें शासन ने दिया है जो ग्राम पंचायत अजनास हमसे छीन रही है। गेहूँ व चने की कटाई मशीन से हो जाती है। इसलिए हमारी मजदूरी नही चल पाती है। इसीलिए शासन ने कोई गरीब परिवार भूखा नही सोये, इसीलिए मनरेगा योजना निकाली है, ताकि हर गरीब परिवार को मजदूरी मिले। उसको भूखा नहीं सोना पड़े। मगर हमारे ग्राम अजनास के सरपंच-सचिव को यह नहीं भा रहा है। उनको तो सिर्फ पैसा कमाने से मतलब है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री जी कर कह रहे है कि न खाउंगा और न खाने दूंगा
। मगर हमारे यहां पर पर सरपंच एवं सचिव को किसी का डर नहीं है, वे खुले आम जेसीबी मशीन से एक महीने से बस स्टैंड के पास नाला गहरीकरण का कार्य करवा रहे है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गहरीकरण से निकलने वाली मिट्टी व मुरम को बाजार में बेचकर एक हजार रुपए प्रति ट्राली के हिसाब से बेच रहे है व लाखो रूपए कमा रहे है। मजदूरी के नाम पर फर्जी जाब कार्ड 10 प्रतिशत पर जाब कार्ड किराए से लेकर उन पर मस्टर डाल रहे है और शासन के लाखो रूपए निकाल रहे है। मगर आज दिनांक तक किसी भी अधिकारी का ध्यान इस ओर नही गया। ग्रामीणो का आरोप है कि इसमें इंजीनियर भी मिला हुआ है। हमारी मांग है कि भ्रष्ट अधिकारी एवं सरपंच को तत्काल पद हटाया जाए, ताकि इनके द्वारा हम गरीबो का हक नहीं छीन सके। साथ ही उच्च अधिकारियों को मोके पर भेजकर तत्काल मौका पंचनामा करवाया जाए एवं जो शासन के पैसे निकाले है उसकी वसूली की जाए। 8 दिनो में कार्य नही रूका तो हम ग्रामीणों को सडक पर उतरकर अनशन करना पडेगा, जिसकी पूरी जबावदारी शासन-प्रशासन की रहेगी। आवेदन की कॉपी प्रधानमंत्री, पंचायत ग्रामीण मंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री, कमिश्नर उज्जैन, जनपत पंचायत सीईओ आदि ग्रामीणों को भी प्रेषित की है।


