खुशियों की दास्तां
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से देवास जिले के 17 बच्चों को मिला जन्मजात विकृति से छुटकारा

देवास जिले में आरबीएसके कार्यक्रम से जन्मजात विकृति (कटे फटे होंठ ) के 17 बच्चों का हुआ निःशुल्क उपचार
देवास, 08 जनवरी 2025/ केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य संबंधी योजनाएं संचालित की जा रही है। इसके साथ ही स्वास्थ्य संबंधी विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो रही है। इनका लाभ लेकर मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं तथा केंद्र एवं राज्य शासन को धन्यवाद भी दे रहे हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सरोजनी जेम्स बेक ने बताया कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं में 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क जांच एवं उपचार कराने के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका लक्ष्य जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों के लिए 4 D यानी चार डी को कवर करने के लिए प्रारंभिक पहचान और प्रारंभिक हस्तक्षेप करना है। जन्म के समय दोष, कमियां, रोग, विकलांगता सहित विकास में देरी। इसके तहत जिले एवं विकासखण्ड स्तर पर आर.बी.एस.के टीम द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों और स्कूल में जाकर बच्चो का परीक्षण किया जाता है। जन्मजात विकृति की पहचान कर जांच उपरांत शासकीय एवं शासन से अनुबंधित प्रायवेट अस्पतालों में निःशुल्क उपचार किया जाता है।
सीएमएचओ डॉ. बेक ने बताया कि भूपेन्द्र पिता श्री राजा उम्र 06 निवासी ग्राम खारपा विकासखण्ड कन्नौद जिला देवास जन्मजात विकृति (कटे फटे होंठ ) देखकर उसकी मां और पूरा परिवार स्तब्ध और चिंतित था। क्या बेटा पूरे जीवन भर इस विकृति के साथ तो नहीं जीएगा। इस प्रकार के अनेक सवाल उनके मन में उठने लगे। चिकित्सकों ने जांच कर परिजनों को बताया कि आप चिंता न करे आरबीएसके कार्यक्रम अंतर्गत बच्चे का पूर्ण उपचार निःशुल्क होगा। आपका बच्चा पूर्णरूप से स्वस्थ हो जायेगा। जिला चिकित्सालय में संचालित डीईआईसी में बच्चे कि जानकारी इनके द्वारा दी गई आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत पंजीयन कर निःशुल्क उपचार और छोटी सी सर्जरी उपरांत भूपेन्द्र अन्य बच्चों कि तरह नार्मल दिखने लगा और पूर्ण रूप से स्वस्थ्य है।
सीएमएचओ डॉ. बेक ने बताया कि देवास जिले में आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत जन्मजात विकृति कटे फटे होंठ के 01 अप्रैल 2024 से 31 दिसम्बर 2024 तक कुल 18 बच्चे चिहांकित कर 17 बच्चों का निःशुल्क उपचार शासन द्वारा चिन्हित अस्पतालों में निःशुल्क करवाया गया। इन 17 बच्चों की सर्जरी में 03 लाख 06 हजार रूपये का खर्च शासन द्वारा वहन किया गया।